ENCRYPTION और DECRYPTION में क्या अंतर है?

Encryption और Decryption में क्या अंतर है?

Encryption and decryption

encryption और decryption जो होता है। वह आपका encoding और decoding है। यानी कि encryption का मतलब encoding और decryption का मतलब decoding होता है। यह एक type की technique है। जिसकी सहायता से आप data को secure कर सकते है।

encryption और decryption जैसी सुविधाएं ना होते। तो आपके द्वारा share किया गया data किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ आकर उसका गलत उपयोग भी हो सकता था। और ऐसे में मुश्केली और आते। इन्हीं मुश्किलों से बचने के लिए encryption और decryption का concept लाया गया है।


TABLE OF CONTENT


ENCRYPTION और DECRYPTION का उपयोग क्यों किया जाता है?

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन का उपयोग क्यों करें
WHY USE ENCRYPTION AND DECRYPTION
ENCRYPTION और DECRYPTION का क्यों USE किया जाता है?
क्यों USE किया जाता है ENCRYPTION और DECRYPTION का?

आखिर encryption का क्यों उपयोग करना चाहिए। आपको कुछ important reasons के बारे में बता रहे है।

  • ENCRYPTION से यह सुनिश्चित होता है। कि Original Data के साथ कोई छेड़-छाड़ ना हो।

  • Encryption के वजह से डर रहता नहीं है। की कहीं Data hack ना हो जाए। और हो भी जाए तो क्या करेगा। Decryption Key तो उसको मालूम नहीं है।

  • User ID और Passwords को secure रखता है।

  • private information की security provide करता है।

  • Internet पर communication के लिए Encryption सहायक है। जहां एक hacker आसानी से आपके data को access कर नहीं सकता।


Encryption और Decryption में क्या अंतर है?

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन में क्या अंतर है?
DIFFERENCE BETWEEN ENCRYPTION AND DECRYPTION IN HINDI
WHAT IS DIFFERENCE BETWEEN ENCRYPTION & DECRYPTION IN HINDI

ENCRYPTION = > E
DECRYPTION = > D

1. E :- Encryption normal message को Meaningless message में बदलने की process है।
1. D :- DECRYPTION Meaningless Message को उसके original form में लाने की process है।

2. E :- Encryption का मुख्य काम Plaintext को ciphertext में बदलना है।
2. D :- Decryption का मुख्य काम ciphertext को Plaintext में बदलना है।

3. E :- Encryption process में, sender data को Encrypt करने के बाद reciever को send करता है।
3. D :- Decryption process में, reciever Information को ciphertext में प्राप्त करता है। और उसे PlainText में बदलता देता है।

4. E :- main task plaintext को ciphertext में convert करना होता है।
4. D :- main task ciphertext को plaintext में convert करना होता है।

5. E :- इसमें किसी भी message को एक secret key या public key का use करके encrypted किया जा सकता है।
5. D :- इसमें किसी encrypted message को किसी secret key या private key के help से decrypt किया जा सकता है।

6. E :- Encryption process में sender data या information को encrypt करने के बाद receiver को send करता है।
6. D :- Decryption process में receiver प्राप्त हुए data या information Ciphertext को plaintext में convert करता है।


Conclusion

हमे उम्मीद है। की आपको पोस्ट पसंद आया होगा। हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है। की विषय से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान की जाये। ताकि आपको किसी और दुसरे websites या internet में उस article के विषय से संबंधित खोजने की आवश्यकता ना हो।

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