SSL क्या है? || इसके प्रकार || नुकसान और फायदे || certificate || हिंदी में

SSL क्या है? || इसके प्रकार || नुकसान और फायदे || certificate || हिंदी में

What is SSL certificate


कुछ URL “http://” से शुरू होते है। और कुछ अन्य URL “https://” से शुरू होते है। आपने देखा होगा कि जब आप bank, online payment जैसी website use करते है। तो उन sites के URL में “https://” लगा होता है। “https://” का मतलब है। Hypertext Transfer Protocol Secure. यानी कि उस website से आपका connection secure है। और आपके द्वारा mention किए गए, किसी भी डेटा को सुरक्षित रूप से Encrypt किया गया है। वह technology जो Hypertext Transfer Protocol Secure को powerful बनाती है। वह SSL कहलाती है।


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SSL क्या है?

SSL

What is SSL in hindi?
एक encryption protocol है। जो internet में उपयोग किया जाता है। ये protocol internet browser और websites के बिच एक secure connection प्रदान करता है। और Internet users को अनुमति देता है। की वो अपने private data को दुसरे website के साथ अदल-बदल सुरक्षित रूप से कर सके।

आज लगभग सारे ही websites SSL का उपयोग करने लगे है। online business करने वाले लोग SSL protocol का उपयोग इसलिए कर रहे है। ताकि वो अपने customers और उनके द्वारा किया जा रहा online transactions को protect कर सके। और इसके उपयोग से hacker के लिए impossible होगा। की वो उस connection के बिच से customer का data चुरा सके.

जो भी Website SSL का उपयोग करते है। उनका domain नाम जो होता है। www.technicaltekamji.com उसके साथ एक बंद ताले का चित्र जुड़ा हुआ होता है। जो की हमारे Internet browser के url में दिखाई देता है। और "http" के जगह "https" लिखा रहता है। domain नाम के साथ, इससे पता चलता है। की वो website पूरी तरह से सुरक्षित है। या नहीं।

बहुत सारी वेबसाइट SSL protocol का उपयोग करती है। जिसके कारण websites हमेशा http:// से शुरू ना होकर https:// से शुरू होती है।

अगर user उस ताले के image पर click करेगा। जो address bar में दिखाई देता है। तो वहाँ से जिस website को user देख रहा है। उस website का SSL certification, identification और बाकि सारी information user को दिखाई देता है। हर website का एक unique SSL certificate होता है।

With SSL: https://www.technicaltekamji.com
Without SSL: http://www.technicaltekamji.com

SSL को TLS protocol भी कहा जाता है। इसका उपयोग सिर्फ website में ही नहीं बल्कि e-mail में और बाकि सभी जगह में उपयोग किया जा सकता है।

TLS protocol के बारे में पूरी जानकारी के साथ, पढ़ना चाहते है।


SSL कब आया?

Web Browser & Web Server के बीच secure connection की अनुमति देने के लिए। internet पर credit card के लेनदेन की सुरक्षा में कुछ समस्याओं के कारण SSL का पहला Version कभी release नहीं किया गया। हालांकि 1994 में, फिर से एक और Version बनाया गया। जिसे Netscape Communications, द्वारा SSLv2 नाम दिया गया था, जो पहले Version की समस्या से उबर गया और अब credit card number और अन्य संवेदनशील data को secure करने में सक्षम था । 1995 में, Netscape ने एक और कदम आगे बढ़ाया और SSLv2 से संबंधित समस्याओं को solve करने के लिए। अपने cryptographic algorithms को strong किया। और उन्होंने इसे SSLv3 नामक एक अन्य Version के under जारी किया। जो कई अन्य security algorithms का Support करता है। जो SSLV2 द्वारा supported नहीं थे।


SSL काम कैसे करता है?

SSL दो तरह के key का उपयोग करता है :- और वो दो key है। Public key और Private key

यह Key एक साथ मिल कर secure communication बनाते है। जिसके जरिये data secure share होता है। जब आपको किसी विषय के related में कुछ जानना होता है। या कुछ buy करना होता है। तो आप अपने web browser में किसी website का नाम लिखते है। उसके बाद web browser उस website के server के साथ जुड़ता है। साथ ही SSL protocol का उपयोग कर रहा होता है।

User अपने browser से उस website के server को request करता है। की वो अपनी identity दे। identity देने के बाद। web server अपने SSL का copy एक public key browser में भेजता है।

जिससे की user ये तय कर सके। की वो उस website के साथ अपने private data को share करने के लिए उस पर भरोसा कर सकता है, या नहीं। जब user उस पर भरोसा करने का फैसला लेता है। तो फिर से वो उसके server को एक encrypt message भेजता है।

Web server उस encrypt message को decrypt करता है। उसके बाद वो browser को acknowledgement भेजता है। की user के साथ SSL encryption शुरू किया जाये। उसके बाद user का private data browser और web server के बिच अदला-बदल secure हो। जो पूरी तरह से confidential होता है।


SSL certificate क्या है?

What is SSL Certificate?
SSL certificate data encryption processing का एक महत्वपूर्ण घटक है। जो internet transactions को secure बनाता है। वो digital passport है। जो browser के साथ website communication privacy की security के लिए प्रमाणीकरण प्रदान करते हैं।

SSL certificate का काम SSL protocol के माध्यम से user के browser के साथ secure sessions शुरू करना होता है। यह secure connection SSL certificate के बिना स्थापित नहीं किया जा सकता। जो digital रूप से company की information को एक cryptographic key से connect करता है।


SSL Certificate होने का मतलब है

किसी भी Website पर SSL Certificate होने का मतलब है। कि आप उस site पर भरोसा कर सकते है। कोई भी hacker आपकी जानकारी देख नहीं सकता। SSL Certificate आपकी सभी information को encrypt करता है। और web server को भेजता है।


SSL certificate कैसे काम करता है?

सबसे पहले एक browser SSL द्वारा secure website से connect करने की कोशिश करता है। इसके बाद browser website से खुद को Identify करने की Request करता है। इसके बाद website browser को SSL Certificates की Cope send करता है। इसके बाद browser यह check करता है। कि SSL Certificates की Cope valid है या नहीं।

प्रमाणीकरण = Authentication :- प्रमाणपत्र देने वाले server के पास private key अधिकार में होता है। जो public key से match करता है। इसमे client Browser SSL के द्वारा securly connect करने का प्रयाश करता है। इसके बाद Browser website से identify करने की request भेजता है।

अखंडता = Integrity :- इसके बाद Website browser को SSL की copy भेजता है। इसके बाद browser द्वारा भेजे गए। what is SSL in hindi? को check करता है। की ये सही है या नहीं। अगर यह सही है तो browser Website को massege भेजता है। लेकिन यह भी जानने वाली बात है। की ये सारे documents CA द्वारा signed होते है। Signed किए गए Documents को बीच मे किसी person द्वारा बदला नहीं जा सकता।

कूटलेखन = Encryption :- browser द्वारा website को massage भेजने के बाद secure और encrypted link स्थापित हो जाता है। Client और server के बीच communication encrypted होता है। मतलब, user Browser मे कुछ भी search करता है। तो वह secret रहता है। जिसको कोई बीच मे छेड़छाड़ या देख नहीं सकता।


SSL protocol काम कैसे करता है?

SSL में server और client नाम की दो अलग-अलग units होते है। Client वह unit है। जो दूसरी ओर से लेनदेन शुरू करता है। server वह unit है। जो client को जवाब देता है। SSL तीन protocol पर work करता है। Handshake Protocol, Record Protocol और Alert Protocol. Server को Handshake Protocol के time ग्राहक द्वारा प्रमाणित किया जाता है। Handshake Protocol पूरा होने के बाद data transfer को encrypt करने के लिए। Record Protocol का काम आता है। अंतिम रूप से Alert Protocol का उपयोग किसी भी suspicious packet को संभालने के लिए किया जाता है। यदि कोई Alarms tick के time किसी भी Point पर tick करता है।

SSL के 3 primary component protocols होते है। SSL को इन 3 protocols में divide किया गया हैं।

1 :- SSL HANDSHAKE PROTOCOL :- इस protocol में, Server को हमेशा Client द्वारा Authenticate किया जाता है। और server में client को certified करने का option भी होता है। आप कह सकते है। कि HANDSHAKE PROTOCOL के दौरान client web server द्वारा certified नहीं होते है। क्योंकि इसमें SSL के अलावा client को verified करने के अन्य तरीके है। SSL handshake protocol के द्वारा client और server के बीच में secure channel स्थापित किया जाता है। ये protocol keys और algorithms की information SSL record protocol को provide करवाता है। इस protocol के द्वारा clients और servers 3 primary tasks perform करते है।

1.1 :- Clients और servers cryptographic algorithm determine करते है। ये वो algorithm है। जिससे data encrypt किया जाता है। जब client और server एक algorithm को support करते है। तो उसे ही choose करते है।

1.2 :- Clients और servers एक दूसरे को प्रमाणित करते है।

1.3 :- दोनों आपस में keys exchange करते है। ताकि दूसरी तरफ data का decryption किया जा सके।

2 :- SSL RECORD PROTOCOL :- message के सभी Encryption को संभालने के लिए SSL Record Protocol जिम्मेदार रहता है। यह protocol सभी alert, Handshake & application protocol messages को frame करने के लिए। एक normal draft प्रदान कराता है। SSL Records में data, digital signature, message type, version & length शामिल है। SSL Records 8 bytes लंबे होते है। SSL record protocol data का fragmentation, compression और encryption करता है। इस property के functions निचे explain किए है।

2.1 :- Application layer से प्राप्त हुए data को fixed length के packets में break करवाता है।

2.2 :- Data को compress करना होता है।

2.3 :- Message Authentication Code (MAC) add करना।

2.4 :- Break किये गए packets को encrypt करना।

2.5 :- सभी packets के साथ SSL header attach करवाना।

3 :- SSL ALERT PROTOCOL :- SSL alert protocol sessions में आने वाली errors को alert messages के द्वारा represent करता है। एक alert message में error की seriousness और उसके बारे में short description रहता है।

जब person को किसी भी तरह का fatal error message मिलता है। तो server और client connection को close कर लेते है। जब connection को close किया जाता है। तो इसी protocol के माध्यम से client और server एक दूसरे को notify करते है। इसके लिए close notify message भेजा जाता है। ये protocols warnings भी present करवाता है।


SSL certificate कौन जारी करता है?

Who issues the SSL certificate?
SSL certificate एक Certificate Authority (CA) द्वारा जारी किया जाता है। साथ में अन्य digital certificate भी। और application certificate के लिए। bussiness या company की identity और ownership की Confirmation करते है। ये जारी किए गए certificate, आपके select हुए (CA) के ownership एक विश्वसनीय root certificate की Chain है। भरोसेमंद root certificate firebox, chrome, internet, explorer और safari जैसे लोकप्रिय web browser में एक “certificate store” embedded है।

जब भी आप किसी ऐसी website पर जाते है। जो SSL certificate का उपयोग करती है। तो आपका browser यह जाँचता है। कि उसके store में trusted roots के द्वारा एक Signed है। यदि ऐसा नहीं है। तो यह आपको एक warning देगा। कि connection secure नहीं है। आपकी site पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक error massage दिखाई देगा। इसीलिए आप एक विश्वसनीय CA से SSL certificate खरीद ने की कोशिश करें।


SSL Certificate कहां उपयोग किया जाता है?


आपके web browser या mail client या mail server और web server के बीच secret और secure connection बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक website की identity को प्रमाणित करता है। और SSL certificate का उपयोग करके। सभी सूचनाओं को encrypt करता है।

SSL Certificates किसी भी web secure की identity है। इसका मतलब आपके द्वारा भेजा गया कोई भी information पूरी तरह secure रूप में website तक पहुंच पाता है। और कोई भी hacker या cracker उस information को बीच में hack नहीं कर सकता।

यदि आपके site पर यह SSL Certificates है। तो आपके users के browser में एक सूचना प्राप्त होगी। ताकि वो समझ सकें, की आपके site पर trust किया जा सकता है। Google, TechnicalTekamji, YouTube, Yahoo, Facebook, Twitter, WordPress सहित सभी और भी online websites SSL Certificates का उपयोग करते है।


SSL किसके द्वारा बनाया गया है?

SSL Netscape Communications, के द्वारा Developed किया गया है।


SSL का इतिहास?

SSL version 1.0 को Netscape ने 1990 के दशक में बनाया था. लेकिन कुछ Security के कमियों के कारण इसे कभी Released नहीं किया गया। हालांकि Feb 1995 में, SSL को Public release SSL 2.0 किया गया था। जब SSL 2.0 में भी कुछ अपनी Security कमिया थे। जिसके कारण इसे फिर से Resign किया गया। और फिर एक साल बाद SSL 3.0 के रूप में release किया गया।

SSL 3.0 को बहुत उपयोग किया गया। लेकिन Poodle attack के बाद SSL 3.0 को भी secure नहीं माना जाता है। TLS वर्तमान में SSL का एक updated और more secure version है। TLS का final version TLS 1.3 है। जो august 2018 में Published हुआ है।

TLS के बारे में पूरी जानकारी के साथ, पढ़ना चाहते है।


SSL के फायदे क्या है?

Benefits of SSL Certificate in Hindi?

  • URL में यह छोटासा (s) customer को आश्वासन देता है। कि उनकी information से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।

  • SSL Certificate से Encrypted connection मिलता है। 

  • Website के security में और secure increase हो जाता है।

  • Data का लेन-देन Encrypted होता है। 

  • SEO के लिए SSL Certificate होना महत्वपूर्ण होता है।

  • HTTPS को अब दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजनों में से एक Google द्वारा रैंकिंग सिग्‍नल के रूप में माना जाता है। यदि आप ऑप्टिमाइजेशन कर रहे हैं, तो आपको अपनी रैंकिंग को बढ़ाने में मदद करने के लिए SSL सर्टिफिकेट्स प्राप्त करने पर विचार करना चाहिए।


SSL का क्या महत्व है?

SSL certificate स्थापित करने का प्राथमिक महत्व web server और browser के बीच एक secure session शुरू करना है। एक बार secure connection स्थापित हो जाता है। तो बाद में web server और visiter के बीच पास की गई सभी information को private और encrypted रखा जाएगा। इसीलिए ssl महत्वपूर्ण होता है।


SSL का पूरा नाम क्या है?

SSL का पूरा नाम – सिक्योर सॉकेट्स लेयर = Secure Sockets Layer होता है।


SSL certificate कितने प्रकार के होते है?

Types of SSL Certificate in Hindi
SSL certificate बहुत प्रकार के होते है। दुनिया भर में different websites की अलग-अलग order के कारण, SSL certificate different types की variety में है।

SSL certificate के अलग-अलग levels होते है।

1) :- Extended Validation (EV) SSL Certificate

2) :- Domain Validation (dv) SSL certificate

3) :- Organization Validation (OV) SSL Certificate

4) :- Wildcard SSL Certificate

5) :- Multi-Domain (SAN) SSL Certificate

6) :- Code Signing Certificate

7) :- Multi Domain Wildcard SSL Certificate

8) :- Unified Communications Certificate (UCC)


1) :- Extended Validation (EV) SSL Certificates

EV SSL certificate online businesses के लिए। highest level की security, trust और customer conversation प्रदान करते है। EV certificate जारी करने के बाद ही, company को Certificate Authority/Browser (CA/B) form द्वारा निर्धारित guidelines के अनुसार company पर rigorous background check दिए जाते है। इस वजह से, EV certificate में एक unique Differential होता है। जो clearly अपने visitors के लिए websites की विश्वसनीयता को clear करने के लिए design किया गया है।

जब आप EV certificate का उपयोग करने वाले websites पर जाते है। तो address bar internet Explorer, Firefox और Chrome जैसे प्रमुख browsers में green हो जाएगा। EV certificate सभी मुख्य online retailers और bank द्वारा उपयोग किए जाते है। और उन businesses के लिए। highly recommended है। जो अपनी site में तुरंत users का trust निर्माण करना चाहते है।

Extended Validation के लिए एक Strict authentication process की आवश्यकता होती है। यह Activate होने में लगभग 7-10 दिनों का time लेता है। ज्यादातर banking, finance, और e-commerce website (EV) ssl certificates का उपयोग करते है।

2) Domain Validated (DV) SSL Certificates

(DV) सबसे सस्ता SSL certificate है। और एक blogger के लिए Perfect है। ज्यादातर blogger और छोटे मोटे website इसे उपयोग करते है। अगर आपका भी कोई blog है। तो आप इस SSL certificate को use कर सकते है। लागत कम होती है। DV certificate EV और OV के समान high data encryption प्रदान करते है। DV certificate को एक automatic, online process का उपयोग करके domain control install होने के बाद जारी किया जाता है।

3) :- Organization Validation (OV) SSL Certificate

(OV) Domain Validation certificate से बेहतर Security provide करता है। हालाकि इस तरह का Certificate activate होने में 2-3 दिनों का time लेता है। यह SSL Certificate आपको एक High quality की security देता है। इससे costumer को ये पता चलता है। की वो एक secure और verified website को visit कर रहे है।

4) :- Wildcard SSL Certificate

Wildcard SSL certificate single certificate के साथ आपके domain और unlimited sub-domains में security provide कर सकते है। Domain Validation (DV) और Organization Validation (OV) के साथ present होता है।

5) :- Multi-Domain (SAN) SSL Certificate

Multi-domain SSL certificate को SAN certificates भी कहा जाता है। इस type का certificate कई domain नामों को secure करने में help करता है। इसे आप Domain Validation, Organization Validation और Extended Validation के साथ प्राप्त कर सकते है।

6) :- Code Signing Certificate

आप इसके help से अपने software के code को secure रख सकते है। इसके साथ साथ ये आपके files और application को भी security provide करता है।

7) :- Multi Domain Wildcard SSL Certificate

आप एक साथ बहुत सारे domains और उनके सारे sub-domains को secure करना चाहते है। तो आप इसका use कर सकते है। ये 250 domains और उनके सारे sub-domains को secure रखने की ability रखता है।

8) :- Unified Communications Certificate (UCC)

(UCC) विशेष रूप से Microsoft Exchange और Microsoft Office Communication server को secure करने के लिए। Design किया गया है। यह Multi Domain SSL certificate की तरह work करता है। और एक single certificate के द्वारा 100 domains को secure किया जा सकता है।


SSL का उपयोग क्यों किया जाता है?

SSL का प्रयोग secret सूचना को transmit करने के लिए किया जाता है। जैसे credit card, debit card, online लेन-देन आदि की information को secure रखने के लिए उपयोग किया जाता है। साथ ही hack के कारण।


SSL certificate का उपयोग करें।

online banking website, social network website, email Service provider और किसी भी website के organizer जो अपने users की सभी information को secure करना चाहते है। तो SSL Certificates का उपयोग कर सकते है।


CONCLUSION

हमे उम्मीद है। की आपको पोस्ट पसंद आया होगा। हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है। की विषय से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान की जाये। ताकि आपको किसी और दुसरे websites या internet में उस article के विषय से संबंधित खोजने की आवश्यकता ना हो।

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